जब वों स्कूल जा रहा था।
किताबो से पूछता,
स्वं को टटोलता ,
कुछ आस लिए ,
कुछ अरमान लिए ,
वो स्कूल जा रहा था।
न जाने किस भार को ,
सत्य की पुकार को ,
कुछ गहराई में सोचता ,
धरती ओर देखता ,
वो स्कूल जा रहा था।
किन किन के अरमान लिए ,
कुछ ज्ञान लिए ,
शांत मूल होता ,
शायद विश्वास ढूंढता ,
वो स्कूल जा रहा था।
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